chaitanya shree प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदीजी कि यह सोच रही है कि, समया अनुस्वार भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए , हमें नयी दिशा और नयी समीकरण की खोज करने कि जरूरत है। सर्वांगीण प्रगति का धेय कैसे साध्य होगा और सही अर्थो में अंत्योदय कैसे आएगा इसपर विचार कर गांव ,कृषि , स्वास्थ्य को अंतिम पाय दान तक कैसे पहुंचाया जाए इस पर २०१८ -१९ के बजट के प्रमुख ठोस कदम है । पुरे विश्व में अपने नेताओ का महत्व बढ़ने मात्र से देश का विकास नहीं होगा। सामान्य जनता जब जीवन से निराश नहीं होगी , सबकी आवश्यकताए पूरी होंगी , जब वे अपने बच्चो के रोजगार के लिए निश्चिन्त होंगे , पानी , बिजली , शौचालय सबको सुलभ होंगे , तभी हमारा विकास हुआ यह हम समझेंगे। जबतक विकास पिछड़े जिलो में ठोस रूप से आकार नहीं ले लेता , शहरो में १०-१५ प्रतिशत जुग्गी जोपड़िया कम नहीं होती है ,स्वास्थ्य सुविधा में गांव व् अंतिम ायदान के लोगो तक नहीं पहुँचती है , तभी हम सही मार्ग पर चल पड़े है , यह कहा जा सकेगा। जिसकी शुरुआत हम अन्तोदय के मूल मंत्र से माननीय प्रधान मंत्री जी मोदीजी द्वारा हो चुकी है।
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