Friday, 13 December 2013

राष्ट्र निर्माण के लिये श्री नरेंद्र मोदी को अपना योगदान दे ? (भाग ६ )

chaitanya shree

राष्ट्र निर्माण के लिये श्री नरेंद्र मोदी को अपना योगदान दे ? (भाग ६  )

                            ( शिक्षा निति )
श्री नरेंद्र मोदीजी  कि यह सोच है कि अगर हमारी शिक्षा निति सही रस्ते पर चलती तो नक्सलवाद और आतंकवाद  जैसे खतरनाक सोच नहीं उपजती। दलितो और आदिवासी भाई और बहिनो का  उपयोग कोंग्रेसीओ ने केवल राजनितिक दृस्टि से ही किया उनके रोजगार एवं शिक्षा के लिये उन्होंने कोई भी कठोर कदम नहीं उठाये। १६० नक्सलवादी जिलो में यह  उल्टा पड़ ही चूका है। माध्यमिक शिक्षा का सही उपयोग इन सामाजिक  विषमता को  समाप्त करने में हो सकता है। 

भारत को स्वतंत्र हुए ६३ वर्ष हो गए।  ५ लाख गावो  में गरीब है और बड़ी मात्रा  में शिक्षा कि अवयवस्था भी है, इसके लिये हम मानसिक रूप से दरिद्र बने हुए है, इसके लिये हमें इस मानसिकता को बदलना होगा , इसके लिये नए कानून ,सामाजिक आंदोलन तथा नए दृष्टिकोण कि आवश्यकता होगी। सबके बच्चे एक ही विद्यालय में पढ़े इसकी अच्छी वयवस्था  होनी चाहिये अमीरो के बच्चे महंगे विद्यालय में और गरीबो के बच्चे नगरपालिका के विद्यालय में , यह विषमता बंद  होनी चाहिये।  

सभी नागरिको को सामान शिक्षा उपलब्ध कराने के लिये यह आवश्यक है कि सभी विद्यालयो का अस्तर भी सामान हो। क्या शहर  -क्या गाँव सभी जगह एक सामान हवादार कक्षाएं , सुसज्जित प्रयोगशालाएं ,वाचनालय , खेल मैदान आदि होना आवश्यक है , ऐसे स्कूल एक पंचयात में होना आवश्यक है। विद्यालय यानि केवल भवन अथवा मैदान ही नहीं होना चाहिये बल्कि शिक्षक भी ऐसे होने चाहिये जिनसे नयी सोच और नया समाज अपना मार्ग दर्शन ले। इसके लिये शिक्षको का वेतन भी किसी निजी उद्योग के अधिकारी के बराबर होनी चाहिये।शिक्षा के क्षेत्र  में शिक्षको के कार्य कि प्रतिस्ठा होनी चाहिये। यदि समानता के आधार पर हमने माध्यमिक शिक्षा कि पुनर्रचना कि और शिक्षकीये पेशे को उच्च स्तर का वेतन और सम्मान दिया तो फिर अंतररास्ट्रीय चुनौतियों का मुकाबला करने में हम  सक्षम होंगे , और शसक्त  नयी पीढ़ी का निर्माण हम कर सकेंगे। 

श्री नरेंद्र मोदीजी का मानना है कि अपनी पिछड़ी हुई जनसँख्या को प्रगति कि दिशा में ले जाने के लिये शिक्षा को प्राधान्य दिया जाना चाहिये। हिंदुस्तान के बजट का १५-२० प्रतिशत शिक्षा के क्षेत्र में दिया जाना चाहिये।   

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