राष्ट्र निर्माण के लिये श्री नरेंद्र मोदी को अपना योगदान दे ? (भाग २ )
श्री नरेंद्र मोदीजी का विकास का मतलब केवल आर्थिक सम्पन्नता , संचार के आधुनिक माध्याम ,बाजार ,चौड़ी सड़के ,नहीं है उनके विकास का मतलब मनुष्य का स्वास्थ , मानसिक स्वास्थ -हमलोगो का आपसी सम्बन्ध, समाज में विविध धर्मो और वंशो के लोगो कि एकता ,साहित्य ,संगीत ,कला ,जैसे सभी क्षेत्रो में सर्वसमावेशक प्रगति से मन में निर्माण होनेवाला उल्लास जैसी विकास कि व्याख्या है। मुट्ठी भर लोगो के फायदे के लिये आँख पर पट्टी बांधे केवल आर्थिक समृद्धि के पीछै भागना नहीं है।जो कांग्रेस १० सालो से करती आयी है। २g घोटाला , कोयला घोटाला न जाने कितने घोटाले जिनकी संख्या अब याद करना मुश्किल हो गया है।
कांग्रेस सरकार कि सोच यही रही है कि किसानो के कर्जे माफ़ करने अथवा उसके लिये केवल कर्ज मेले आयोजित करने से समस्याए हल हो जायेगी। यदि आर्थिक ढाचे में परिवर्तन नहीं हुआ तो कुछ ही वर्षो में किसान फिर से कर्जे कि कैची में फस जायेगा। लेकिन श्री नरेंद्र मोदीजी कि यह सोच नहीं है , उनकी सोच किसानो कि उपज को अधिक मूल्य दिलाने , उत्पादन बढ़ाने के लिये उसे आधुनिक तकनिकी तथा व्यस्थापन कौशल का प्रशिक्षण देने ,गावो में रास्ते ,बिजली , पानी उपलब्ध कराने कि है। श्री नरेंद्र मोदीजी कि सोच है कि किसानो का बिचौलिये द्वारा किया जाने वाला सोशन रोकना तथा कृषि उपजमंडियो का निर्माण तथा सहकारिता कानून में परिवर्तन लाना जरूरी है।
श्री नरेंद्र मोदीजी कि सोच है कि किसानो को उनकी फसलो के उचित संग्रहण कि सुविधा उपलब्ध कराने ,उनका माल खराब न हो ,सुरक्षित तरीके से शहरो में भेजा जा सके इसके लिये वातानुकूलित आधुनिक गोदामो का निर्माण गाँव -गाँव में करने कि है। गावों कि ओर देखने कि दृष्टि बदलने ,तथा किसान , व्यापारी और उद्योगपति का वास्तविक रूप से भागीदारी को जोड़ देश का भविष्य उज्जवल बनाने कि परिकल्पना है। आर्थिक प्रगति के साथ -साथ सामान्य जनो को न्याय भी सुलभ हो इसकी व्यवस्था करने कि भी सोच है।
कांग्रेस सरकार कि सोच यही रही है कि किसानो के कर्जे माफ़ करने अथवा उसके लिये केवल कर्ज मेले आयोजित करने से समस्याए हल हो जायेगी। यदि आर्थिक ढाचे में परिवर्तन नहीं हुआ तो कुछ ही वर्षो में किसान फिर से कर्जे कि कैची में फस जायेगा। लेकिन श्री नरेंद्र मोदीजी कि यह सोच नहीं है , उनकी सोच किसानो कि उपज को अधिक मूल्य दिलाने , उत्पादन बढ़ाने के लिये उसे आधुनिक तकनिकी तथा व्यस्थापन कौशल का प्रशिक्षण देने ,गावो में रास्ते ,बिजली , पानी उपलब्ध कराने कि है। श्री नरेंद्र मोदीजी कि सोच है कि किसानो का बिचौलिये द्वारा किया जाने वाला सोशन रोकना तथा कृषि उपजमंडियो का निर्माण तथा सहकारिता कानून में परिवर्तन लाना जरूरी है।
श्री नरेंद्र मोदीजी कि सोच है कि किसानो को उनकी फसलो के उचित संग्रहण कि सुविधा उपलब्ध कराने ,उनका माल खराब न हो ,सुरक्षित तरीके से शहरो में भेजा जा सके इसके लिये वातानुकूलित आधुनिक गोदामो का निर्माण गाँव -गाँव में करने कि है। गावों कि ओर देखने कि दृष्टि बदलने ,तथा किसान , व्यापारी और उद्योगपति का वास्तविक रूप से भागीदारी को जोड़ देश का भविष्य उज्जवल बनाने कि परिकल्पना है। आर्थिक प्रगति के साथ -साथ सामान्य जनो को न्याय भी सुलभ हो इसकी व्यवस्था करने कि भी सोच है।
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