chaitanya shreeनक्सलवाद की समस्या का समाधान है ,प्रधानमन्त्री श्री नरेँद्रमोदीजी को इस पर तुरंत पहल करनी चाहिए
हमारे सामने आतंकवादी समस्या के अतिरिक्त नक्सलवाद की समस्या एक सबसे बड़ी चुनौती के रूप में खड़ी है। इसका समाधान है परन्तु इसके लिए हमें राजनितिक इक्षा शक्ति को सुदृढ़ और कड़े फैसले लेने होंगे । ये हमारे समाज के ही लोग है ,जिन्हें हमलोगों को मुख्या धरा में जोड़ना अति आवश्यक है। झारखण्ड ,बिहार। अन्द्रप्रदेश ,छत्तीशगढ़ ,में फैले नक्सलवाद को बाहर से मदद नहीं मिलती , फिर भी यहाँ के युवक हिन्साचारी मार्ग अपनाते है। आखिर क्यों ? इसका जवाब माननिये गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंघजी और नमो को ढूँढना होगा। जबतक हम समाज में व्याप्त विषमता को हंसकर टालते रहेंगे तबतक हमें उसका मूल्य चुकाना ही पड़ेगा। जबतक हम आर्थिक समृधि ,समाजिक न्याय , जिम्मेदार राजनीती , समाज के सभी घटकों को सम्मान तथा आशावादी वातावरण नहीं निर्मित करेंगे तबतक नक्सली समस्या का समाधान नहीं कर सकते। मै माननीय प्रधानमंत्रीजी से आग्रह करूंगा की आप इस विषय पर तुरंत फैसले लेकर नक्सली नेताओ को आमंत्रित कर बात करे और उनके बातो पर विचार कर उचित फैसला ले।
इस समस्या का निराकरण के लिये पिछड़े जिलो के विकास पर जोड़ दिया जाना चाहिये। विसेश्कर खेती ,लघुउद्योग तथा फल से बनने वाले विविध खाद्य पदार्थ के उत्पादन को बढाया जाना चाहिये। इससे अनेक बेरोजगारों को उपजीविका का साधन मिलेगा। नौकरी -व्यवसाय होने से इनका सम्मान बढेगा , जिससे ये मुख्या धरा से जुडेगे। इसी दौरान नक्सली नेताओ से बात चीत शुरू की जा सकती है , उनकी न्यायोचित मांगो को स्वीकार किया जा सकता है। संछेप में मै यह कह सकता हु की विकास ,न्याय ,अस्मिता व् अनुशासन इन सब मार्गो का विचारपूर्वक उपयोग किया जा सकता है।
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