chaitanya shree प्रत्येक मतदाता को घर से बाहर निकलना होगा , यह भारत का भविष्य का प्रश्न है ?
राष्ट कवी रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था -
समर शेष है , नहीं पाप का भागी केवल व्याध ,
जो तटस्थ है , समय लिखेगा उनका भी अपराध।
भारतीय राजनीती में समर की घडी आ गई है, परीक्षा कि घड़ी में जो होता है होने दो कि भूमिका में नहीं बल्कि , " जो हम चाहेंगे होगा " की पुरुषार्थी भूमिका में सक्रीय होना होगा। विश्व को नेतृत्व देने वाला तथा नरेंद्र भाई के हाथ को मजबूत करने वाला भारत कैसा हो इसकी दिशा दिखाने वाला पर्व है सन २०१४ का यह लोकतान्त्रिक समर।
नेहरू खानदान को गांधी के नाम कि नकली खाल पहनाकर कांग्रेस ने दुनिया को जितना भ्रमित करना सम्भव था ,सो किया , भारत कि जनता भी गांधी -नेहरू कि छाया में रहते -रहते असली गांधी एवं बनावटी गांधी के भेद को समझना तथा पटेल एवं शास्त्री की उपलब्धियों का मूल्य आंकना ही भूल चुकी है। ऐसी इस्थिति में गांधी के नाम कि नकली खाल को हटाने कि हिम्मत करने वाला , पटेल के उत्तराधिकारी व् गुजरात के मुख्यमंत्री व् बीजेपी के घोसित प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत कर , भारतीय जनमानस की ललक पूरी करने के लिए प्रत्येक मतदाता को घर से बाहर निकलना होगा। यह भारत के भविष्य का प्रश्न है।
राष्ट कवी रामधारी सिंह दिनकर ने लिखा था -
समर शेष है , नहीं पाप का भागी केवल व्याध ,
जो तटस्थ है , समय लिखेगा उनका भी अपराध।
भारतीय राजनीती में समर की घडी आ गई है, परीक्षा कि घड़ी में जो होता है होने दो कि भूमिका में नहीं बल्कि , " जो हम चाहेंगे होगा " की पुरुषार्थी भूमिका में सक्रीय होना होगा। विश्व को नेतृत्व देने वाला तथा नरेंद्र भाई के हाथ को मजबूत करने वाला भारत कैसा हो इसकी दिशा दिखाने वाला पर्व है सन २०१४ का यह लोकतान्त्रिक समर।
नेहरू खानदान को गांधी के नाम कि नकली खाल पहनाकर कांग्रेस ने दुनिया को जितना भ्रमित करना सम्भव था ,सो किया , भारत कि जनता भी गांधी -नेहरू कि छाया में रहते -रहते असली गांधी एवं बनावटी गांधी के भेद को समझना तथा पटेल एवं शास्त्री की उपलब्धियों का मूल्य आंकना ही भूल चुकी है। ऐसी इस्थिति में गांधी के नाम कि नकली खाल को हटाने कि हिम्मत करने वाला , पटेल के उत्तराधिकारी व् गुजरात के मुख्यमंत्री व् बीजेपी के घोसित प्रधानमन्त्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी के हाथ को मजबूत कर , भारतीय जनमानस की ललक पूरी करने के लिए प्रत्येक मतदाता को घर से बाहर निकलना होगा। यह भारत के भविष्य का प्रश्न है।

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