Friday, 9 August 2013

राज्य करता धर्मनिष्ट न हो

                                          अतिवृष्टिः अनावृष्टिः शलभा मुषकाह शुकाः। 
                                         स्वचक्रम परचक्रम च सप्तैता इतयह स्मृताः।। -कौशिकपद्ध्ती 
 अर्थ : राज्य करता धर्मनिष्ट न हो , तो प्रजा धर्मपालन नहीं करती।  फलस्वरूप अतिवृष्टि ,अनावृष्टि (अकाल ),टिड्डो का आक्रमण , चूहों का उत्पात , तोतो का उपद्रव मचाना , आपसी लडाईया  और शत्रु के आक्रमण , ऐसे सात प्रकार के संकट (राष्ट्र)पर आते है। 
             तात्पर्य , प्रजा और रजा , दोनों का धर्मपालन और साधना करना आवश्यक है।  तब ही आपातकाल की तीव्रता अल्प होगी। 

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