chaitanya shree
अब प्रकृति का क़र्ज़ चुकने की बारी है , हमें वेद से सीख लेना चाहिये ,प्रित्त्वी शांति रापः शांति ...................... हमारी सोच गलत है की धरती पर मौजूद प्राकृतिक संसाधनों को नुक्सान पहुचाने से उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा . उत्तराखंड इसी का परिणाम है , दुःख की बात है सस्ते और अस्थानिये भौगोलिक विसेस्ताओ का पूरा ध्यान रखने वाले परम्परागत तौर तरीके पर ध्यान नहीं दिया गाया .
अब प्रकृति का क़र्ज़ चुकने की बारी है , हमें वेद से सीख लेना चाहिये ,प्रित्त्वी शांति रापः शांति ...................... हमारी सोच गलत है की धरती पर मौजूद प्राकृतिक संसाधनों को नुक्सान पहुचाने से उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा . उत्तराखंड इसी का परिणाम है , दुःख की बात है सस्ते और अस्थानिये भौगोलिक विसेस्ताओ का पूरा ध्यान रखने वाले परम्परागत तौर तरीके पर ध्यान नहीं दिया गाया .
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