chaitanya shree आश्चर्य भारत का नौजवान कितना बुद्धिमान हो गया ,कोई पंडित तो कोई ठाकुर हो गया है ,
सबको अपनी जाती पे गुमान हो गया है , कोई दलित तो कोई बनिया हो गया है , मेरा मान हिन्द था, हिन्द रह गया ,मैं ठहरा गंवार, मैं “हिन्दू” ही रह गया , भारत का नौजवान कितना बुद्धि मान हो गया है।
सबको अपनी जाती पे गुमान हो गया है , कोई दलित तो कोई बनिया हो गया है , मेरा मान हिन्द था, हिन्द रह गया ,मैं ठहरा गंवार, मैं “हिन्दू” ही रह गया , भारत का नौजवान कितना बुद्धि मान हो गया है।
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