Friday, 10 April 2015

क्या पाकिस्तान को हमारे विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रोत्साहन मिल रहा है ?(कश्मीर विषय पर )

chaitanya shree क्या पाकिस्तान को हमारे विरुद्ध कार्यवाही करने का प्रोत्साहन मिल रहा है ?(कश्मीर विषय पर )
मित्रो अगर कोई अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता  तो हम अपनी सज्जनता क्यों छोड़े  , यह गांधीवाद देश के लिए बहुत महंगा पड़ने वाला है। कश्मीर के कारागृह  से मशरत्त आलम को छोड़ने पर ,पाकिस्तानी न्यायलय ने भी २६/११ के मुंबई आक्रमण का सूत्रधार ज़कीउर्रहमान लखवी को कारागृह  से मुक्त कर दिया। जबकि २००९ में भारत के ठोस प्रमाण देने पर ही लखवी को पाक शासन ने बंदी बनाकर कारागृह में डाला था , फिर भी ,पाक न्यायलय यह क्यों कह रहा है की लखवी के विरुद्ध ठोस प्रमाण नहीं है ,ऐसा प्रतीत हो रहा है की पाकिस्तानी  शासक  और वहा के न्यायलय ने भी निशित कर लिया है की भारत की कोई बात नहीं माननी है। भारत ने जब मशरत आलम को कारागार से मुक्त किया ,तभी पाकिस्तानी न्यायलय ने लखवी को छोड़ने का निर्णय क्यों दिया ,? यह बात विचार करने वाली है  अब तो ये होगा की लखवी , मसर्रत को भारत में आतकवादी गतिविधियों में सहयता करेगा और पाकिस्तान का भारत द्वेष फले-फूलेगा।
 मित्रो मुफ़्ती की विचारधारा से सभी भारतीय भली -भांति परिचित है , अब कश्मीर में आतंकवाद किस ऊंचाई पर पहुंचेगा यह देखना शेष रह गया है , मुफ़्ती पर लगाम लगाना होगा , आदरणीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदीजी से हमें बहुत उम्मीद है ,वो उचित कार्यवाही कर देश के सामने एक उदहारण प्रस्तुत करे।



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