Sunday, 25 May 2014

१०० साल से पुराणी कांग्रेस कि इस्थिति, खाट पे सोये मरणासन्न सी हो गयी है।

chaitanya shree १०० साल से पुराणी कांग्रेस कि इस्थिति, खाट पे सोये मरणासन्न सी हो गयी है। कोंग्रेस को मरणासन्न कि इस्थिति में देख कर ऐसा लगता है कही न कही गहरे विवाद कि गूँज तो है ही और राजनितिक सुचिता के स्तर को ऊचा उठाने कि चुनौती भी है ,जिसका उदहारण लोक  सभा इलेक्शन में देखने को मिला। यह भारतीय जनता पार्टी के लिये शुभ संकेत है , इसके लिए भारतीय जनता पार्टी तथा प्रधानमंत्री श्री  नरेंद्र मोदीजी को अपने स्पष्ट सिद्धांत ,स्वक्ष विकल्प ,और स्वस्थ लोकतंत्र कि ऊर्जा कि कसौटी पर हर वक्त खरा उतरते रहना होगा , जिसका उधारण बी जे पी गुजरात ,मध्य प्रदेश, छतीशगढ ,राजस्थान ,दिल्ली जैसे प्रदेशो में देती रही है.
मै यह मानता हूँ  कि आज का मतदाता राजनितिक समझ के  परिपक्व राह पर चल पड़ा है , देश का राज किसी को पिताजी कि विरासत कि तरह पीढ़ी दर पीढ़ी मिलेगा यह सोचने वालो के दिन अब लद गए.समय का चक्र कितना बलवान है जो कम रोचक नहीं है जिस जगह पर योग गुरु रामदेव के आंदोलन से बौखला कर जिस कांग्रेस सरकार ने जिस रामलीला मैदान में जनता पर आधी रात लाठिया बरसाई थी वही मैदान भ्रस्टाचारी कांग्रेस शासन को मुखाग्नि भी दी। देश भर में भाजपा कि लहर से भयभीत कांग्रेस ने  उसी आम आदमी पार्टी से सट कर खड़ी दिखने कि हताश कोशिश की  जिसकी दुर्गति करने में आप ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी वो भी मरणासन्न पर चली गई ।
अंत में यह जरूर कहूंगा जिस तरह से बहादुरशाह जफ़र के अंत के साथ मुग़ल कालीन काल ख़त्म हुआ था ठीक उसी तरह राहुल गांधी के साथ कांग्रेस का काल खंड ख़त्म हो रहा है , भ्रस्टाचार पर ताकतवर प्रहार और तुस्टीकरण कि राजनीती पर आज के युवाओ ने प्रहार किया है जिस कारन कांग्रेस चारो खाने चित हो गई , और मोदी युग तथा भाजपा का उदय हो रहा है। 

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