chaitanya shree दुर्योधन के सभा के इन पार्टिओ से देश को बचाना होगा
राजनीति ने हिन्दुओ , मुसलमानो को साम्प्रदायिकता की संकीर्ण भावनाओ में जकड़ दिया है। साम्प्रदायिकता का बीज बोने में , सत्ता प्राप्ति की होड़ में लगे कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियो के राजनेताओ का बहुत बड़ा हाथ है। ये मुस्लिम समाज आज २०१४ के लोकसभा के चुनाव में राजनितिक दलों के लिए वोट बैंक बन गया है , और इसी वोट बैंक के कारण राष्ट्र हित का मुद्दा गौण होता जा रहा है। आर्थिक ,सामाजिक एवं न्यायिक मुद्दा न होकर साम्प्रदायिक मुद्दा को कांग्रेस , सपा , बसपा , एवं क्षेत्रीय पार्टियां वोट अपने तरफ खीचने के लिए कर रही है। मुसलमानो को यह समझना होगा की अगर उनकी आर्थिक तरक्की नहीं हुई तो वे इसी तरह वोट बैंक का शिकार बनते रहेंगे। आर्थिक ,सामाजिक दृष्टि से तरक्की के लिए मुसलमानो को भी भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर एक नए भारत का निर्माण का सपना साकार करना चाहिए नहीं तो वोट बैंक की राजनीती का परिणाम राष्ट्र को भुगतना पड़ेगा।
कविवर कृष्णमित्र ने ठीक ही लिखा था :-
जो अलगाव की लिख रहे है कथाएँ
समझते नहीं वे समय की व्यथाएं
उन्हें सिर्फ चिंता है सिंहासनों की
इबारत जबां पर है दुःशासनो की
प्रफुल्लित है , इस पर की पगड़ी उछाली
वे शिशुपाल , बन दे रहे आज गाली
वे दुर्योधन की सभा के विधायक , सांसद
समाजो के दुश्मन विवादों का नायक
उन्हें कृष्ण की बात कैसे बताये
वे सीमा सहन की अगर जान पाये
तो निश्चित उन्हें याद होगा सुदर्शन
संभल कर चले और रोके प्रदर्शन
शतक हो गया तो यह अम्बर फटेगा
की शिशुपाल का सिर स्वयं ही कटेगा
अभी वक्त है साथियो को बताओ
देश के रहनुमाओ , वतन को बचाओ
नरेंद्र मोदी को वोट देकर , कमलछाप पर बटन दबाकर देश का एक नया इतिहास लिखवाने का प्रयास सवा सौ करोड़ की जनता को करना होगा यही समय की पुकार है।
राजनीति ने हिन्दुओ , मुसलमानो को साम्प्रदायिकता की संकीर्ण भावनाओ में जकड़ दिया है। साम्प्रदायिकता का बीज बोने में , सत्ता प्राप्ति की होड़ में लगे कांग्रेस और क्षेत्रीय पार्टियो के राजनेताओ का बहुत बड़ा हाथ है। ये मुस्लिम समाज आज २०१४ के लोकसभा के चुनाव में राजनितिक दलों के लिए वोट बैंक बन गया है , और इसी वोट बैंक के कारण राष्ट्र हित का मुद्दा गौण होता जा रहा है। आर्थिक ,सामाजिक एवं न्यायिक मुद्दा न होकर साम्प्रदायिक मुद्दा को कांग्रेस , सपा , बसपा , एवं क्षेत्रीय पार्टियां वोट अपने तरफ खीचने के लिए कर रही है। मुसलमानो को यह समझना होगा की अगर उनकी आर्थिक तरक्की नहीं हुई तो वे इसी तरह वोट बैंक का शिकार बनते रहेंगे। आर्थिक ,सामाजिक दृष्टि से तरक्की के लिए मुसलमानो को भी भारतीय जनता पार्टी को वोट देकर एक नए भारत का निर्माण का सपना साकार करना चाहिए नहीं तो वोट बैंक की राजनीती का परिणाम राष्ट्र को भुगतना पड़ेगा।
कविवर कृष्णमित्र ने ठीक ही लिखा था :-
जो अलगाव की लिख रहे है कथाएँ
समझते नहीं वे समय की व्यथाएं
उन्हें सिर्फ चिंता है सिंहासनों की
इबारत जबां पर है दुःशासनो की
प्रफुल्लित है , इस पर की पगड़ी उछाली
वे शिशुपाल , बन दे रहे आज गाली
वे दुर्योधन की सभा के विधायक , सांसद
समाजो के दुश्मन विवादों का नायक
उन्हें कृष्ण की बात कैसे बताये
वे सीमा सहन की अगर जान पाये
तो निश्चित उन्हें याद होगा सुदर्शन
संभल कर चले और रोके प्रदर्शन
शतक हो गया तो यह अम्बर फटेगा
की शिशुपाल का सिर स्वयं ही कटेगा
अभी वक्त है साथियो को बताओ
देश के रहनुमाओ , वतन को बचाओ
नरेंद्र मोदी को वोट देकर , कमलछाप पर बटन दबाकर देश का एक नया इतिहास लिखवाने का प्रयास सवा सौ करोड़ की जनता को करना होगा यही समय की पुकार है।
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