chaitanya shree सिंघासन (भाग २ )
स्वीडन की जनता का सिंघासन पर अंकुश है. स्वीडन में कुछ वर्ष पूर्व श्रीमती मोना सलिन सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता निर्वाचित हुई . प्रधान मंत्री के लिये उनकी नाम की घोसना की गयी ,मगर शपत से पूर्व एक छोटी सी घटना घट गयी , उस दिन मोना सैलिन ने अपने बच्चे के लिये १०० डॉलर का एक daiper लिया बिल चुकाने वक़्त गलती से उन्होंने सरकारी क्रेडिट कार्ड दे दिया , दूकानदार ने तुरंत सरकारी अधिकारियो को सूचित कर दिया की मोना सैलिन ने सरकारी क्रेडिट कार्ड का उपयोग किया है. वास्तव में मोनाजी दुसरे दिन सरकारी क्रेडिट कार्ड का पैसा चुकाने वाली थी . मगर स्वीडन में नियमो -कानूनों का पालन करने का शक्त अनुसाशन होने के कारन इस घटना से बड़ा हड़कंप मच गया जिससे मोना सलिन को अपनी पार्टी के नेता पद और प्रधानमंत्री की दावेदारी दोनों से हाथ धोना पड़ा.स्वीडन की जनता का सिंघासन पर अंकुश है .
यही प्रवृति यूरोप के अन्य देशो के नागरीको में भी है . राजनेता मर्यादाओ का पालन करते है । स्विट्ज़रलैंड में कोई भी सुरक्षा अधिकारी , सचिव अथवा अन्य अधिकारी मंत्रियो के साथ कार्यालय के बहार सफ़र पर नहीं जाता है निवृत राष्ट्रपतियों के बारे में तो पूछिये ही मत , वे तो सामान्यजानो की भाति नौकरिया करते हुए परिवार का भरण - पोषण करते है . बस अथवा ट्रेन के सामान्य दुसरे दर्जे में बैठ कर सफ़र करते है.स्वयं का सामान खुद उठा कर सड़क पार करते है .
प्रति वर्ष सितम्बर माह में राष्ट्रसंघ का वार्षिक अधिवेसन होता है , उस समय सभी १९० देशो के प्रमुख न्यूयोर्क आते है . उस समय एक मजेदार बात देखने मिलती है , कनाडा , नूज़ीलैण्ड ऑस्ट्रेलिया , जर्मनी , फ्रांस , ब्रिटेन , फ़िनलैंड , आदि विकसित देशो के राज्प्रपुख तुलनात्मक रूप से साधारण होटलो में ठहरते है . मगर गरीब , अविकसित अथवा नवधनाढ्य राष्ट्रों के प्रमुख मंत्री , राजदूत अपना लावलश्कर साथ लेकर महंगे होटल में ठहरते है . अपना बड़प्पन दीखाने के लिये करदाताओ की गधे पसीने की कमी को इस प्रकार खर्च करना कितना उचित है ? इसका विचार प्रत्येक देश के नेताओ तथा नागरीको द्वारा किया जाना अवश्यक है .

No comments:
Post a Comment