Sunday, 17 June 2018

सहिष्णु हिन्दू , सौम्य हिन्दू

chaitanya shree  मित्रो भगवा प्रणाम सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड पर हमारी मातृ भूमि का महान  ऋण है, एक एक देश को ले, तो भी पृथ्वी पर दूसरी कोई जाती नहीं है ,जिसका विश्व पर इतना ऋण है ,जितना की इस सहिष्णु एवं सौम्य हिन्दू का। मित्रो अपने ही देश में हमारे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के  कार्यकर्ताओ ने हिंदुत्व के लिए कई असंख्य कार्यकर्ताओ ने बलिदान दिया लेकिन कभी किसी दूसरे विचारो पर हथियार द्वारा जबरन विचारो को  नहीं थोपा , बल्कि दूसरे विचारो का घात अपने ऊपर स्वीकार किया और सहिषुणता पूर्वक विचारो को आत्मसात कर अपने विचारो को आगे बढ़ाया।
                             मित्रो प्रत्येक विचार को पहले रक्त की बाढ़  में डूबना पड़ा है , प्रत्येक विचार को लाखो मानवो की रक्त धारा में तैरना पड़ा है  , अपने  विचारो को  शक्ति  प्रदान करने के लिए कई विचारो ने असंख्य लोगो के हाहाकार ,अनाथो के चीत्कार ,विधवाओं की अश्रुपात सदैव विद्यमान रहे है , मित्रो इन्ही रास्तो द्वारा  अन्य जातियों के विचार संसार में पहुंचे , लेकिन हिंदुत्व इन विचारो पर कभी नही चला इसीलिए ये आज भी अजर -अमर है।मित्रो भारत वर्ष से न जाने कितनी विचार तरंगे निकली जो शांति और आशीर्वाद के रूप में अविरल गंगा की धारा  की तरह बहती रही है , संसार में  केवल हिन्दू जाती ही है जिसने सैनिक -विजय प्राप्ति का पथ नहीं अपनया और अपने विचारो को किसी पर नहीं थोपा जो नदियों की अविरल धारा  की तरह सदैव चलता रहा है एक सहिष्णु हिन्दू और सौम्य हिन्दू की तरह।
     

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