Tuesday, 8 May 2018

अनुगृहीतोऽस्मि

chaitanya shree अनुगृहीतोऽस्मि मित्रो भगवा प्रणाम ,वन्देमातरम।माँ को प्रणाम। माननीय प्रधानमंत्री जी को प्रणाम ,जिन्होंने अपने कीमती समय में भी 



मुझे अपना आर्शीवाद भेजा , मित्रो मैं आपका प्रेम व् आशीर्वाद रात १२ बजे से ही पा रहा हूँ ,सभी मित्रो को जवाब देने की कोशिश कर रहा हूँ हजारो की तादाद में आपका सन्देश प्राप्त हो रहा है ,गलती से  जिन्हे जवाब न दे पाऊ मुझे माफ़ करियेगा आपका आशीर्वाद व् प्यार मेरे लिए भहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रणाम चैतन्य श्री।   

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