चक  हगेल ने पाकिस्तान के पक्ष में जो बाते  कही है , वो अमेरिका की कूटनीति का एक हिस्सा  है . अगर वो पाकिस्तान के पक्ष  में नहीं  बोलेंगे  तो चीन पाकिस्तान में  अपनी जड़े पूर्ण रूपेण मजबूत कर लेगा . अमेरिका  को अफगानिस्तान से हटने के लिये पाकिस्तान की जरूरत है . चीन जिस तरह से बांग्लादेश,श्रीलंका , और पाकिस्तान के बन्दरगाहो को आर्थिक रूप से मदद  कर रहा है और अपने जहाजी बेड़े  वहा अस्थापित कर रहा है , उससे अमेरिका को  पूर्वी छेत्र  से आर्थिक,वैपारिक,और सैन्य शक्ति कमजोर हो जायेगी .ग्वादर बंदरगाह का निर्माण चीन की मदद से हुआ है .यहाँ पाकिस्तानी नौसेना के जहाज भी तैनात है और इस बंदरगाह पर चीनी  नौसैनिक पोतो का भी पड़ाव  होता  है ..इस बंदरगाह से चीन बीजींग  तक रेल लाइन बीछा चूका है,पाकिस्तान  यह जानता है की अमेरिका इस रेल परियोजना का रणनीतिक आधार पर विरोध कर रहा है . अमेरिका गिलगित के रानीतिक महत्व को भी समझता  है . अमेरिका आज भी विश्व की सबसे बड़ी सैनिक शक्ति  है , इसलिये गिलगित के रणनीतिक महत्व को वह समझता है . हगेल के बयां से क्या अमेरिका चीन के पकिस्तान में चल रहे  रेल परियोजना को रोक पाता  है ? 
 
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